लीफ माइनर को कैसे नियंत्रित करें?

आइए सबसे पहले इसके नुकसान की प्रकृति के बारे में जानें।
पत्ती की ऊपरी सतह पर मध्य शिरा के पास छोटी-छोटी फफोले जैसी खदानें दिखाई देती हैं। जैसे-जैसे भोजन बढ़ता है, खदानों का आकार बढ़ता है और पूरी पत्ती भूरी हो जाती है, लुढ़क जाती है, सिकुड़ जाती है और सूख जाती है।
गंभीर मामलों में प्रभावित फसल जली हुई दिखाई देती है।
बाद के चरणों में लार्वा पत्तों को एक साथ जाल में फंसा लेते हैं और सिलवटों के भीतर रहकर उन पर भोजन करते हैं।

शारीरिक प्रभाव:
वयस्क पतंगे शाम 6.30 से 10.30 बजे तक प्रकाश की ओर आकर्षित होते हैं, जमीनी स्तर पर रखा पेट्रोमैक्स लैंप पतंगों को आकर्षित करता है।

प्रभाव:
1. गैर-फलीदार फसलों के साथ फसल चक्र से लीफमाइनर आबादी में काफी कमी आएगी।
2. सोयाबीन और अन्य दलहनी फसलों के साथ मूंगफली के चक्रण से बचना चाहिए।
3. नियंत्रण का सबसे आशाजनक तरीका प्रतिरोधी/सहनशील किस्मों का उपयोग होगा।

सुझाव कीटनाशक:
मोनोक्रोटोफॉस, डीडीवीपी, फेनिट्रोथियोन, एंडोसल्फान, कार्बेरिल इत्यादि।


पोस्ट करने का समय: अगस्त-28-2020